Gauri Kund
गौरी कुंड
"जहां प्रेम, तप और आस्था एक साथ बहते हैं।"
गौरी कुंड, कैलाश पर्वत की परिक्रमा के दौरान मिलने वाला एक छोटा लेकिन बेहद पवित्र जल कुंड है।
इसका नाम माता पार्वती (गौरी) के नाम पर पड़ा है।
गौरी कुंड, एक छोटा सा पवित्र जल कुंड, जो माता पार्वती (गौरी) की तपस्या और प्रेम की कहानी को समर्पित है।
पौराणिक मान्यता है कि यहीं माता पार्वती स्नान करती थीं और यहीं उन्होंने भगवान शिव को पाने के लिए कठिन तप किया था।
यह स्थान शिव-पार्वती के प्रेम और साधना का प्रतीक है। इसका पानी ठंडा जरूर होता है, लेकिन इसकी ऊर्जा गर्म और मधुर है।
गौरी कुंड तक पहुंचना आसान नहीं होता, लेकिन जब आप वहां होते हैं ,तो महसूस करते हैं कि हर कदम, हर थकान,इस पल के लिए ही थी।
दिलचस्प तथ्य:
- यह कुंड अक्सर बर्फ से ढंका रहता है, लेकिन इसका पानी इतना शुद्ध और दिव्य होता है कि श्रद्धालु उसमें स्नान करके आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त करते हैं।
- यहाँ तक पहुंचना कठिन होता है, लेकिन जो श्रद्धालु पहुंचते हैं, वे कहते हैं कि यहां का हर पल अलौकिक अनुभव है।